गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016

किडनी फेल्योर मे किया चमत्कार गौमूत्र और विशेष काढ़े ने.




मैने किडनी के विषय में पहले 1 लेख लिखा था जिसके परिणाम स्वरुप मुझे 2-3 लोगो ने कोल करके बताया कि उनकी किडनी ठीक हो गई है. डॉक्टर्स ने बताया था के उनकी किडनी सिकुड़ चुकी है और अभी डायलिसिस के लिए तैयार रहें. तो उन्होंने ये बताया हुआ प्रयोग किया और कुछ ही दिनों में उनकी रिपोर्ट आई के उनकी किडनी सही हो गयी है और अभी उनको डायलिसिस की ज़रूरत नहीं है. वही प्रयोग आज मैं Only Ayurved के साथ शेयर करना चाहता हूँ, जिस से के अनेक लोगों तक ये प्रयोग पहुंचे और अनेक जन इसका लाभ उठा सकें. आइये जाने इस प्रयोग के बारे में.
*प्रयोग इस प्रकार है*
किडनी फेल्यर में गौमूत्र का कमाल.
गौमूत्र अर्क सुबह शाम 20 – 20 मि.ली. खाली पेट लेना है. और इसके बाद 30 मिनिट तक कुछ भी खाना नहीं है.
इसके साथ में ये नीचे बताया हुआ काढ़ा भी पीना है.
काढ़े के लिए आवश्यक सामग्री.
1. गिलोय
2. गोखरु
3.ऐरंड मूल
4. वरुण छाल
5. पुनँनवा
5. ईन्दजौ
उपर बताई गयी चीजें आपको किसी अच्छे पंसारी से साफ़ सुथरी कंडीशन में लेनी हैं. बाद में इन औषधियों को समान मात्रा में लेकर थोडा कुटकर 20 ग्राम की मात्रा में ले आैर 2 ग्लास पानी मे उबाले जब 1 ग्लास पानी बचे तब इसको छानकर पी लें.
यै प्रयोग भी सुबह शाम करना है. गौमूत्र लेने के आधे घंटे बाद ये काढ़ा पियें और इसके भी आधे घंटे तक कुछ भी खाना पीना नहीं है.
इन प्रयोग से जिनको पथरी, किडनी सिकुडना, डायालिसिस, किडनी फेल्योर जैसे रोग हैं उनसे आप बच जायेगे.

★किडनी के रोगियों के लिए 3 रामबाण प्रयोग.★
★1. नीम और पीपल की छाल का काढ़ा.
आवश्यक सामग्री।
नीम की छाल – 10 ग्राम
पीपल की छाल – 10 ग्राम
3 गिलास पानी में 10 ग्राम नीम की छाल और 10 ग्राम पीपल की छाल लेकर आधा रहने तक उबाल कर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को दिन में 3-4 भाग में बाँट कर सेवन करते रहें। इस प्रयोग से मात्र सात दिन क्रिएटिनिन का स्तर व्यवस्थित हो सकता है या प्रयाप्त लेवल तक आ सकता है।
★2. गेंहू के जवारो और गिलोय का रस
गेंहू के जवारे (गेंहू घास) का रस
गिलोय(अमृता) का रस।
गेंहू की घास को धरती की संजीवनी के समान कहा गया है, जिसे नियमित रूप से पीने से मरणासन्न अवस्था में पड़ा हुआ रोगी भी स्वस्थ हो जाता है। और इसमें अगर गिलोय(अमृता) का रस मिला दिया जाए तो ये मिश्रण अमृत बन जाता है। गिलोय अक्सर पार्क में या खेतो में लगी हुयी मिल जाती है।
गिलोय के लिए आप हमारी पुरानी पोस्ट यहाँ क्लिक कर के पढ़िए।
http://onlyayurved.com/plant/giloy/giloy-nectar-remedy/
गेंहू के जवारों का रस 50 ग्राम और गिलोय (अमृता की एक फ़ीट लम्बी व् एक अंगुली मोटी डंडी) का रस निकालकर – दोनों का मिश्रण दिन में एक बार रोज़ाना सुबह खाली पेट निरंतर लेते रहने से डायलिसिस द्वारा रक्त चढ़ाये जाने की अवस्था में आशातीत लाभ होता है।
★3. गोखरू काँटा काढ़ा
250 ग्राम गोखरू कांटा (ये आपको पंसारी से मिल जायेगा) लेकर 4 लीटर पानी मे उबालिए जब पानी एक लीटर रह जाए तो पानी छानकर एक बोतल मे रख लीजिए और गोखरू कांटा फेंक दीजिए। इस काढे को सुबह शाम खाली पेट हल्का सा गुनगुना करके 100 ग्राम के करीब पीजिए। शाम को खाली पेट का मतलब है दोपहर के भोजन के 5, 6 घंटे के बाद। काढ़ा पीने के एक घंटे के बाद ही कुछ खाइए और अपनी पहले की दवाई ख़ान पान का रोटिन पूर्ववत ही रखिए।
15 दिन के अंदर यदि आपके अंदर अभूतपूर्व परिवर्तन हो जाए तो डॉक्टर की सलाह लेकर दवा बंद कर दीजिए। जैसे जैसे आपके अंदर सुधार होगा काढे की मात्रा कम कर सकते है या दो बार की बजाए एक बार भी कर सकते है।
ज़रूरत के अनुसार ये प्रयोग एक हफ्ते से 3 महीने तक किया जा सकता है. मगर इसके रिजल्ट १५ दिन में ही मिलने लग जाते हैं. अगर कोई रिजल्ट ना आये तो बिना डॉक्टर या वैद की सलाह से इसको आगे ना बढ़ाएं.

ये पोस्ट अायुर्वेद की साईट से ली गयी हे इनका उद्देश्य आम लोगो की भलाई ।इच्छा से ही ये पोस्ट्स यहाँ डाली गयी हे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो का भला हो सके