100 प्रतिशत सच है इंग्लैंड की तरक्की भारत के लुटे खजाने से हुई है, यह रहे पक्के सबूत
आज इंग्लैंड विश्व का एक शक्तिशाली और विकसित राष्ट्र बना हुआ है.
अगर हम आपसे कहें कि कभी सारे देश पर राज करने वाला इंग्लैंड एक खोखला देश है तो आप इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे.
लेकिन हजारों साल पहले ही जब हमारे व्यापारी और राजा इंग्लैंड जाते थे तो इतिहास में लिखा गया है कि इंग्लैंड में कुछ भी खास नहीं होता था. यहाँ तक कि तब इस देश पर अपनी संगठित कोई सेना भी नहीं थी.
थोड़ा साफ़ बोलें तो बताया जाता है कि यहाँ का जीवन कबीलों के रूप में ही था.
1. भारत के धन से इंग्लैंड की औधोगिक क्रांति:-
भारत ने इंग्लैंड को अपार संपत्ति दी है. इंग्लेंड हमेशा से लालची देश रहा था. वहां के लोग भारत की कहानियों को सुनकर लालच और नफरत से भरजाते थे.
इसीलिए भारत पर इन लोगों ने व्यापार के बहाने से एंट्री ली थी.
इस बात के पुरे सबूत हैं कि जब प्लासी युद्ध लड़ा गया 1760 ई. में तो इंग्लैंड में औधोगिक क्रांति सन 1760 के बाद ही संभव हुई है. लेखक कुसुमलता केडिया जी बताती हैं कि प्लासी युद्ध और वाटरलू संग्राम के बीच, जो समय था इस वक़्त लगभग 15 अरब रुपैय भारत से लुटे गये थे जो सीधे इंग्लैंड पहुंचाए गये थे.
ईस्ट इण्डिया कंपनी के लोग हर साल लगभग 25 करोड़ रुपैय भारत से लूट रहे थे.
इसी धन से बाद में इंग्लैंड ने अपने यहाँ औधोगिक क्रांति को जन्म दिया था. आज हम भारत में जिस शिक्षा नीति को पढ़ रहे हैं वह पूरी तरह से इंग्लैंड की है अतः उनके लिखे इतिहास में यह बात कहीं नहीं लिखी गयी है. दूसरा हम सभी पर इस सच को जानने के लिए वक़्त भी नहीं है. असल में यह लूट तो आज भी चल रही है. विदेशी कम्पनियाँ आज भी देश से धन लेकर अपने-अपने देशों में जा रही हैं.
2. इंग्लैंड ने हमारे हर आविष्कार को अपना बनाया है:-
एक विदेशी लेखक पेरीज ने यह बात लिखी है कि प्लासी के युद्ध के बाद अचानक से ही इंग्लैंड में आविष्कारों की लाइन लग जाती है. जहाज का आविष्कार, जिसे तब उड़नखटोला बोला गया, इसे ‘के’ ने अपने नामा पर पेटेंट कराया था. लेकिन अब यह तो सच सबके सामने आ चुका है कि यह भारतीय आविष्कार था.
3. अचानक से संगठित हो गया इंग्लैंड:-
भारत से इंग्लैंड के लोगों ने संगठित होना सीखा है. पहले कंपनी के पास सेना नहीं थी लेकिन बाद में यह लोग भारत से इस बाद को सीखते हैं. राजाओं के शासन के बारें में हर बात इन लोगों ने यहाँ से सीखी है. भारतीय वेदों पर इन लोगों ने पुरे रिसर्च की है. हमको वेदों से दूर किया और खुद वेदों के करीब गये हैं.
4. इतिहास गवाह है भारत पर राज करने के बाद इंग्लैंड का नाम विश्व में हुआ:-
इस बात के लिए इतिहास सबूत है कि इंग्लैंड ने जब भारत से धन लूटा और नए-नए आविष्कार किये तो इंग्लैंड को पूरा विश्व इज्जत की निगाह से देखने लग जाता है. वहां हुई औधोगिक क्रांति जब भारत देश के पैसों से हुई तो सभी ने इस उसकी वाह-वाही की है.
महात्मा गाँधी जी ने तभी तो बोला था कि ब्रिटेन जैसी देश की तरक्की के लये भारत को विश्व को कई बार लूटना होगा.
लेकिन हम इसे राक्षसी आदत मानते हैं. गांधी जी का तात्पर्य यही था कि अगर विश्व का कोई और देश भी इंग्लैंड जैसी तरक्की करना चाहता है तो आओ और भारत को लूटो, तभी यह तरक्की संभव है.
भारत की यह लूट आज भी हो रही है. इंग्लैंड की नीतियों को आज भी भारत देश से ना जाने क्यों खत्म नहीं किया जा रहा है.